Humse Ka Bhool Hui / हमसे का भूल हुई जो ये सजा हमका मिली Lyrics in Hindi

Humse Ka Bhool Hui / हमसे का भूल हुई जो ये सजा हमका मिली Lyrics in Hindi

 
हम से क्या भूल हुई जो
ये सजा हुंका मिली
हम से क्या भूल हुई जो
ये सजा हुंका मिली

अब चारो ही तरफ बंद
है दुनिया की गली
हम से क्या भूल हुई जो
ये सजा हुंका मिली

दिल किसी का न ढुके
हमने बस इतना चाहा
पाप से दूर रहे जूथ
से अब्चना चाहा
पाप से दूर रहे जूथ
से अब्चना चाहा
उसका बदला न मिला उलटी
चुरी हम पे चली

अब चारो ही तरफ बंद
है दुनिया की घाली
हम से क्या भूल हुई जो
ये सजा हुंका मिली

हम पे इल्जाम ये है
चोर को क्यों चोर कहा
कयु सही बात कही कही
न कुछ और कहा
कयु सही बात कही कही
न कुछ और कहा
ये है इन्साफ़ तेरा
वह डाटा की गली

अब चारों तरफ़ बंद
है दुनिया की गली
हम से क्या भूल हुई जो
ये सजा हुंका मिली

अब तो इमां धर्म की
कोई किम्मत ही नहीं
जैसे सच बोलने वालों
की जरुरत ही नहीं
जैसे सच बोलने वालों
की जरुरत ही नहीं
ऐसी दुनिया से दुनिया
तेरी वीरन भली

अब चारो ही तरफ बंद
है दुनिया की गली
हम से क्या भूल हुई जो
ये सजा हुंका मिली
हम से क्या भूल हुई जो
ये सजा हुंका मिली

टोखरे हम को काबुल
राह किसी को मिल जाये
हम हुए जख्मी तो क्या
दूजे का गुशान खिल जाये
हम हुए जख्मी तो क्या
दूजे का गुशान खिल जाये

दाग सब हम को मिले
यार को सब फूल मिले
दाग सब हम को मिले
यार को सब फूल काली

जिंदगानी की समां
भुज के अगर रह जाये
ये समझ लेंगे कि हम
आज किसी काम आये
ये समझ लेंगे कि हम
आज किसी काम आये
ज्योत अपनी भुजी यार
के जीवन में झाले
ज्योत अपनी भुजी यार
के जीवन में झाले.

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